याद कर रही है भारत माता वीर सपूतो जग जाओ
नष्ट भ्रष्ट कर दो तुम आतंक को झंडा अपना लहराओ
कश्मीर की बात न करों अब लाहौर भी हमारा है
पाक को मिला दो खाक में अब अफगान भी हमारा है
बंगला को मिला दो बंगाल में हस्ती मिटा दो चीन की
करो विस्तृत सीमाओ को तुम भारत का अब मान बढाओ
मिटा दो पाक की नापाक मंसूबो को अब करो जंग की तैय्यारी
शांति अहिंसा की पहलों पर बार -बार की उसने मक्कारी
क्या हमे अपने यारों की म्रत्यु पर शोक नही होता
हम सब रातों को भी जगते कसाब जेल में चैन सो सोता
अफजल को मेहमान बनाकर उसको पाले रक्खे है
है हम लोग खुद ही निकम्मे जो ऐसी सरकारें चुनते है
जाति धर्म के फेरे में अब मेरे यारों मत पड़ जाओ
याद कर रही है भारत माता वीर सपूतो जग जाओ
चिदानंद शुक्ल ( संदोह )
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