रेल रहे रोक जब व्याकुल हो लोग सब
तेल के ये खेल पर राजनीति भारी है
कोऊ देत उन्हें दोष कोऊ करे भारी रोष
भ्रष्ट हुए लोग वे जो बने सरकारी है
थाली से गायब दाल नेता सारे मालामाल
रोटी खाओ सूखी सब लुप्त तरकारी है
भारत कल बंद है विपक्ष को घमंड है
आज उसके पक्ष में सभी नर नारी है
चिदानंद शुक्ल (संदोह )
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