Thursday, July 21, 2011

मुझे यकीं है वो आकर के वापस लौट जायेंगे

आज फिर वो फिर से मेरी जिन्दगी में Aayenge
मुझे यकीं है वो आकर के वापस लौट जायेंगे
मेरे जीवन को एक बार फिर से वह बसंत बनायेगें
पर कुछ पलो बाद पतझड़ में छोड़ जायेंगे
मै सोचता हूँ बसा लू उसको आँखों में खवाब बनाकर
पर वो आंसू बनकर बह जायेंगे ............................ आज फिर

कहने को तो मै ये दुआ करता हूँ वो मिले न बिछड़ने के लिये
पर ये तो फितरत है उनकी इस बार भी हमे छोड़ जायेंगे मरने के लिये
दे जायेंगे अपनी कसम हमे याद मत करना लब खुले रखना पर कभी फरियाद न करना
यदि खुदा चाहेगा तो हम फिर मिलेंगे वरना अपने दिल में तुझको याद करेंगे
तेरी यांदो की कसम तेरी चाहत की कसम तुझसे मिलने दुआ न करेगें
पर मुझको ये यकीं है मेरी फरियाद उस खुदा तक पहुच जाएगी................... आज फिर

कहते है वो जीवन के हर मोड़ पर तुम मेरा बस इंतजार करना
हम तुम्हे फिर से मिलेंगे और फिर कभी न बिछड़ने के लिये
चलेंगे साथ हम हमराही बनकर मेरी बातों का तुम ऐतबार करना
तेरे वादे को निभायेंगे ऐ मेरे महबूब अपने वादे को रखने के लिये
अब कोई वजह न बची संदोह जीने की तेरे वादे को निभाने ke सिवा
अब आ जा क्या तू फिर से लौट जाएगी आज फिर वो फिर से मेरी जिन्दगी में आएगी
मुझे यकीं है वो आकर के फिर वापस न जाएगी

चिदानंद शुक्ल ( संदोह )

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