Thursday, July 21, 2011

भोलेनाथ की महिमा


चावल के चढ़ाये से चौदह भुवन देत नाथ गाल के बजाये से निहाल कर देत है
भंग के चढ़ाये से भुजंग भय भाग जात बेर के अर्पण से बैरी हर लेत है
बेल के पात से प्रसन्न होत भोलेनाथ धतूर के चढाने से खुशहाल कर देत है
शमी के पत्तो से समस्या समाधान करें मदार के पुष्प से दारुण दुःख हर लेत है
भक्तो के वशीभूत होत मेरे भूतनाथ भस्म के लगाने से भंडार भर देत है
ऐसे मेरे दीनबंधु अनाथों के नाथ भोलेनाथ खेल खेल में विष का पान कर लेत है
संदोह न संशय कर चिदानंद के दरबार में एक लोटा जल से कल्याण कर देत है

                                                             चिदानंद ( संदोह )

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