Friday, August 5, 2011

भक्त की अभिलाषा

हो रहा है अत्याचार भक्तजनों पर भारी क्यों आकर अब देते नही दर्शन मेरे मुरारी
क्या वादा भूल गये मेरे गिरधर कहा हो तुम असुरारी
रावण को मारा था तुमने धरती को शोक विमुक्त किया
परशुराम बनकर के तूने सहश्त्र बाहू का नाश किया
जब राजाओ ने अत्याचार किया तूने है उनका नाश किया
अब क्यों देर लगायी है प्रभुवर जब नेताओ ने धर्म पर वार किया
अब संत को मारा जाता है आतंकी चैन से सोते है
रामभक्त ठग कहलाता है ओसामा आदर पाते है
चन्द जयचन्दों की वजह से पृथ्वीराज मारे जाते है
हम लड़े तो किससे लड़े हे गिरवर जब भाई ही राज बताते है
अब नही रहा खतरा गोरी से पर जयचंदों से हार गये
अब किससे करें शिकायत शिकवा जब अपने ही अपनों को मार गये
आरक्षण की रोटी देकर दलित सवर्ण को लड़ाते है
मंदिर मस्जिद की ओट लेकर आपस में दंगा भड़काते है
अब कब तक चुप रहोगे नटवर किसी रूप में अवतार लो
दुष्ट जनों का करके संहार भारतभूमि को उबार लो
संदोह अब करें प्राथना आ जाओ अब हे गिरधारी
क्यों आकर अब देते नही दर्शन मेरे मुरारी

चिदानंद शुक्ल ( संदोह )

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