जो न हो सके तुम्हारा उसको उस पर छोड़ दो
न कोई खता दो उसको न ही कोई इनाम दो
जिसने दिल तोडा तुम्हारा उसको दिल में बसाना छोड़ दो
मिल जायेंगें सारे सुकून दुनिया की तुम्हे
बस तुम उनकी राहों से गुजरना छोड़ दो
मत बरसाओ ये घटायें अपनी आँखों से तुम
अब कुछ तो नमी इन आँखों में भी छोड़ दो
ये लब मुरझा गये तेरा नाम लेते -लेते
ये आँखे भी पथरा गयीं तेरी राह तकते -तकते
संदोह न आयेंगे तेरे महबूब तुझसे मिलने
अब तुम उनकी राह को तकना छोड़ दो
चिदानन्द शुक्ल ( संदोह )
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